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इश्क में Intezaar Shayari in Hindi

Intezaar Shayari in Hindi – दोस्तों इस पोस्ट में हम Intezaar Shayari in Hindi लाये हैं जो आपको बहुत पसंद आने वाली हैं। दोस्तों हर किसी को जिंदगी में किसी न किसी का इंतजार जरुर होता है चाहे वो अपने प्यार पाने का हो या किसी चीज को हासिल करने का हो, लेकिन इतंजार हर किसी को रहता ही है इसलिए आज हम आपके लिए Best Intezaar Shayari हिंदी में लाये हैं. ये इंतज़ार Shayari आपको बहुत पसंद आएगी जिन्हें आप कॉपी या फोटो को डाउनलोड अपने दोस्तों या सोशल मिडिया पर शेयर कर सकते है.

Intezaar Shayari in Hindi

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Intezaar Shayari in Hindi

कभी कभी एक दिन का इंतजार,
सालों जैसा लगता है !!

मिलने का मज़ा अक्सर !
इंतज़ार के बाद ही आता है !!

हालात कह रहे है की अब मुलाक़ात नहीं होगी,
उम्मीद कह रही है जरा इन्तेज़ार कर ले !!

दो तरह के आशिक होते हैं,
एक हासिल करने वाले और दूसरे इंतज़ार करने वाले !

उसके ना की उम्मीद तो नहीं,
फिर भी उसका इंतज़ार किये जा रहे हैं !

वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे,
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे,
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे।

जिसका इंतज़ार शिद्दत से करोगे,
वही अक्सर नहीं आते !

इंतज़ार उनके आने का खत्म न हुआ,
हम हर एक आहत में उनको ही ढूंढते हैं !

एक मुलाकात की आस में मैं ज़िंदगी गुजार लूंगा,
तुम हां तो कहो तुम्हारे लिए उम्र भर इंतज़ार करूंगा !

उल्फ़त के मारों से ना पूछो आलम इंतज़ार का,
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहार का !

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे !

झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया,
सब कुछ भुला के उनका इंतजार किया
वो जान ही न पाए जज्बात मेरे,
मैंने सबसे ज्यादा जिन्हें प्यार किया !

इंतजार शायरी हिंदी

मिलने का मज़ा अक्सर !
इंतज़ार के बाद ही आता है !!

आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत हो या ख्वाब !

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की अब आदत हो गयी है !

वो न आयेगा हमें मालूम था,
मगर कुछ सोच कर करते रहे इंतज़ार उसका !

फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह,
देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया !

पल भर का प्यार और बरसों का इंतज़ार,
जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है !

संभव ना हो तो साफ मना कर दें,
पर किसी को अपने लिए इंतजार ना करवाएं !

मैं आज भी तेरा इन्तजार कर रहा हूँ,
बस एक बार लौट आओ मेरे पास !

किसी रोज होगी रोशन मेरी भी जिंदगी,
इंतजार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है !

वो न आएगा हमें मालूम था,
कुछ सोच कर इंतजार करते रहे !

हर वक्त तेरा इंतजार रहता है,
तेरे लिए सनम हम बेकरार रहते हैं,
मुझे पता है तू नहीं किस्मत में मेरी,
फिर भी ना जाने क्यों तेरा इंतजार रहता है !

Intezaar Shayari

एक मुलाक़ात की आस में मैं ज़िंदगी गुज़ार लूंगा,
तुम हां तो कहो तुम्हारे लिए उम्र भर इंतज़ार करूंगा।

आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत या फिर ख्वाब।

खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया,
और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा।

कल भी तुम्हारा इंतज़ार था,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है,
और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।

तुम्हारी यादों पर इख़्तियार हो नही सकता,
लौट आओ के अब इंतज़ार हो नही सकता।

उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।

इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।

वादा है खुद से अगर तुम ना मिली इतना दूर चला जाऊंगा तुझसे,
फिर इंतजार करती रह जाओगी,
कभी ना मिल पाऊंगा तुझसे।

हम इस इंतज़ार में रह गए कि वो हमें इंतज़ार नही करवाएँगे,
हमें क्या खबर थी कि वो खुद ही हमारा इंतज़ार कर रहे थे।

मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।

लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।

सालों तक इंतजार किया है मैंने तेरा,
इतनी आसानी से तुझे कैसे खो दू,
चला था कभी जिन राहों पर,
आज उन राहों पर कांटे मैं कैसे बो दू।

मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।

यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।

तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।

इंतजार की शायरी

आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत या फिर ख्वाब।

आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।

एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।

सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का।

वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।

वक़्त के फ़ासले वक़्त ज़ाया कर के काटते हैं,
कुछ यूँ काम..
तेरे इंतजार का किया करते हैं।

लगता है हमारे इम्तिहान की घड़ी आ गई है,
शायद इसलिए इंतज़ार करने को कहा है उन्होंने।

तेरी फ़ुरसतों के इंतज़ार में,
हम ख़ुद से भी दूर दूर हुए,
पानी जो बरसा मेरी आँखों से,
पिघली स्याही हर्फ़ मेरे काफूर हुए।

तुम एतबार की बात करते हो,
हमे तुम्हारे इंतज़ार से भी प्यार है।

काश इंतज़ार इश्क़ का पैमाना होता,
तब उन्हें बताते इश्क़ कितना करते हैं हम।

इक पल गुज़रता नहीं था तेरे बिना,
इक उम्र कट रही है तेरे इंतज़ार में।

एक अरसा गुज़र दिया मैने तेरे इंतज़ार में,
एक अरसे से तूने मुझे मुड़कर नहीं देखा।

कभी मिलो तो ऐसे ना मिलना कि,
तू सामने हो और तेरा इंतज़ार हो।

हर आहट पर सांसे तेज़ हो,
ए ख़ुदा इंतज़ार ऐसा ना हो।

एक बार मुड़कर तो देखा होता,
आंखें आज भी तेरा इंतज़ार करती है,
सुबह शाम हर पहर,
खुदा से ये तेरे लिए ही फरियाद करती है।

डर लगता है,
ये सोचकर कि कहीं वे ना मिले,
तो क्या होगा
जिनकी इंतज़ार में मैं जिंदा हूं।

Waiting Shayari in hindi

तुम से मिलना तो एक ख्वाब सा लगता है,
मैने तुम्हारे इंतजार से मोहब्बत की है।
Tum Se Milna To Ek Khwaab Sa Lagta Hai,
Maine Tumhare Intezaar Se Mohabbat Ki Hai.

तुम आए हो न, शब-ए-इंतजार गुजरी है,
तलाश में है सहर, बार बार गुजरी है।
Tum Aaye Ho Na, Shab-e-Intezaar Gujri Hai,
Talaash Mein Hai Sahar, Baar Baar Gujri Hai.

मुझे यकीन है वो राह देखता तो होगा,
मैं सोचता हूँ मगर सोचने से क्या होगा।
Mujhe Yakeen Hai Wo Raah Dekhta To Hoga,
Main Sochta Hoon Magar Sochne Se Kya Hoga.

Usey Bhula Bhi Diya Aur Yaad Bhi Rakha Usko,
Nasha Utaar Diya Aur Khumaar Rehne Diya,
Koi Khwaab Dikhaaya Na Koi Gham Diya Usko,
Uski Aankho Mein Bas Ek Intezaar Rehne Diya.

Maut Bakhshi Hai Jisne Uss Mohabbat Ki Kasam,
Ab Bhi Karta Hoon Intezaar Baithkar Mazaar Mein.
मौत बख्शी है जिसने उस मोहब्बत की कसम,
अब भी करता हूँ इंतज़ार बैठकर मजार में।

Raat Der Tak Teri Dehleez Par Baithi Rahin Aankhein,
Khud Na Aana Tha To Koi Khwaab Hi Bhej Diya Hota.
रात देर तक तेरी दहलीज पर बैठी रहीं आँखें,
खुद न आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता।

Nahi Chhod Sakte Hum Doosron Ke Haath Mein Tumko,
Wapas Laut Aao Na Ki Hum Abhi Tak Tumhare Hain.
नहीं छोड़ सकते हम दूसरों के हाथ में तुमको,
वापस लौट आओ न कि हम अभी तक तुम्हारे हैं।

Phir Aaj Koi Gazal Tere Naam Na Ho Jaye,
Kahin Likhte-Likhte Shaam Na Ho Jaye,
Kar Rahe Hain Intezaar Teri Mohabbat Ka,
Isee Intezaar Mein Zindagi Tamaam Na Ho Jaye.
फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते-लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।

Ek Muddat Se Chiragon Ki Tarah Jalte Hain,
Inn Tarasti Hui Aankhon Ko Bujha De Koi.
एक मुद्दत से चिरागों की तरह जलते हैं,
इन तरसती हुई आँखों को बुझा दे कोई।

Loote Maze Usee Ne Tere Intazaar Ke,
Jo Had-e-Intazaar Se Aage Nikal Gaya.
लूटे मज़े उसी ने तेरे इंतज़ार के,
जो हद-ए-इंतज़ार से आगे निकल गया।

Iss Ummeed Pe Roz Chiraag Jalaate Hain,
Ki Aane Wale Barson Baad Bhi Aate Hain.
इस उम्मीद पे रोज़ चिराग़ जलाते हैं,
कि आने वाले बरसों बाद भी आते हैं।

Tera Intezar Shayari

झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया,
सब कुछ भुला के उनका इंतजार किया
वो जान ही न पाए जज्बात मेरे,
मैंने सबसे ज्यादा जिन्हें प्यार किया

एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।

आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया,
मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया।

कहीं वो आ के मिटा दें न इंतज़ार का लुत्फ़,
कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।

जीने की ख्वाइश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
जूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मानकर ऐतबार करते हैं।

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते हैं अपने भी पराये,
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।

तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है,
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है।

किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी,
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।

तुम देखना यह इंतज़ार रंग लायेगा ज़रूर,
एक रोज़ आँगन में मौसम-ए-बहार आएगी ज़रूर।

उनकी आवाज़ सुनने को बेकरार रहते हैं,
शायद इसी को दुनिया में प्यार कहते हैं,
काटने से भी जो ना कटे वक्त,
उसी को मोहब्बत में इंतज़ार कहते हैं।

हाथ कि लकीरों पर ऐतबार कर लेना,
भरोसा हो तो किसी से प्यार कर लेना,
खोना पाना तो नसीबों का खेल है,
ख़ुशी मिलेगी बस थोड़ा इंतज़ार कर लेना।

फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।

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