** Share it With Your Friends **

experience the magic of Best गुलज़ार शायरी

Discover the Finest Collection of 100 Best Gulzar Shayari in Hindi

One of the most well-known writers in India is Gulzar Sahab. In the same way, the top writers and directors in film. Gulzar Sahab is a Hindi and Urdu poet who has written thousands of exquisite ghazals, Shayari, poems, quotes, and alfaaz. Everyone’s heart is touched by her remarks. In this article, Explore our handpicked selection of the 100 best Gilzar Shayari in Hindi, also get Love Shayari, Best Life Shayari, and More.

संपूर्ण सिंह कालरा, जिन्हें अक्सर गुलज़ार के नाम से जाना जाता है, का जन्म 18 अगस्त, 1936 को दीना, पंजाब, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था। अपने पिता की दूसरी शादी से इकलौती संतान गुलज़ार हैं। उनकी माता का नाम सुजान कौर और पिता का नाम माखन सिंह कालरा था। गुलज़ार के नाम से एक भारतीय नाटककार, कवि, पटकथा लेखक, निर्देशक और गीतकार। इसके अतिरिक्त, गुलजार को हिंदी फिल्म के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए लाये हैं Best Gulzar Shayari in Hindi, Gulzar Poems, Images जो आप लोगो को बहुत पसंद आने वाली हैं । Also, get Love Shayari, Romantic Shayari in hindi and more.

You will also enjoy our article on Motivational Shayari.

Gulzar Shayari in Hindi

Click here to get More WhatsApp dp, Shayari, Wishes in Hindi, English, and Quotes Visit the Website.

Gulzar Shayari

You will also enjoy our article on Romantic Good Morning Shayari.

Gulzar, the maestro of words, has captivated hearts with his soul-stirring Shayari. His verses effortlessly weave emotions and thoughts into a tapestry of profound beauty. Through his words, Gulzar paints vivid imagery that resonates with the deepest corners of the human soul. Each line of Gulzar Shayari is like a brushstroke on the canvas of emotions, creating a masterpiece that speaks to the core of our being.

इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।

तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.

सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.

जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए

जबसे तुम्हारे नाम की
मिसरी होंठ लगाई है
मीठा सा गम है,
और मीठी सी तन्हाई है.

वक्त कटता भी नही
वक्त रुकता भी नही
दिल है सजदे में मगर
इश्क झुकता भी नही

एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था
यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था
तब से मेरी नींद में बसती रहती हो
बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.

होती नही ये मगर
हो जाये ऐसा अगर
तू ही नज़र आए तू
जब भी उठे ये नज़र

तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं

उतर रही हो या
चढ़ रही हो ?
क्या मेरी मुश्किलों को
पढ़ रही हो ?

सुरमे से लिखे तेरे वादे
आँखों की जबानी आते हैं
मेरे रुमालों पे लब तेरे
बाँध के निशानी जाते हैं

तेरे इश्क़ में तू क्या जाने
कितने ख्वाब पिरोता हूं
एक सदी तक जागता हूं मैं
एक सदी तक सोता हूं

गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तावीज़ बनाके पहनूं उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीं

पता चल गया है के मंज़िल कहां है
चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे

उम्मीद तो नही
फिर भी उम्मीद हो
कोई तो इस तरह
आशिक़ शहीद हो

तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है

टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं
कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं
मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से
काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं

एक बीते हुए रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो

प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है,
रोग भी वही है जो इलाज है.

इस दिल में बस कर देखो तो
ये शहर बड़ा पुराना है
हर साँस में कहानी है
हर साँस में अफ़साना है

heart touching gulzar shayari

Gulzar’s Shayari has an enchanting ability to touch the deepest chords of the heart. It resonates with the joys, sorrows, and complexities of human existence, leaving an everlasting impression. His words have an uncanny way of unraveling the intricacies of emotions, stirring a sense of empathy within the reader. Heart Touching Gulzar Shayari has the power to heal, console, and ignite a flame of hope, making it an invaluable companion on life’s journey.

इतने बुरे नहीं थे हम
जितने इलज़ाम लगाये लोगो ने,
कुछ किस्मत ख़राब थी
कुछ आग लगाई लोगो ने

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ

मोहब्बत तो साहब दोनों तरफ थीं,
बस किस्मत की लकीरों ने बाज़ी ही पलट दी

बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे

दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं

मुझे ??छोड़ने कि, वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ार थे

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी
वो नफ़रत भी तुम्हारी थी
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे मांगते
वो शहर भी तुम्हारा था
वो अदालत भी तुम्हारी थी

सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं,
उसी का तो ये सारा किस्सा हैं

सच्ची मेरी दोस्ती आजमा के देख लो
करके याकिन मुह पर मेरे पास आ कर देख लो.

अजीब सी दुनिया है यह साहब,
यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है

हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं,
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं

ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं

दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता,
लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं और कितना वक़्त लगेगा

इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां

इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है

कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती,
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे

नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से
तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है

gulzar shayari in hindi

Gulzar Shayari, with its timeless elegance, is best experienced in its original form – Hindi. The richness and nuances of the language lend a distinct charm to Gulzar’s verses. His mastery of Hindi amplifies the impact of his poetry, allowing the reader to immerse themselves in the depth of emotions conveyed. Gulzar Shayari in Hindi celebrates the beauty of the language and transports the reader into a world of profound literary artistry.

मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था,
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था !

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नही था,
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था !

बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं !

जागना भी काबुल है तेरी यादों में रातभर,
तेरे अहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ !

कोई समझे तो,
एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है,
मतलबी लोगों से !

तेरी मुस्कुराहट भी इस कदर कमाल करती है,
बेजार मन को भी गुलजार करती है !

तुमने तो कहा था हर शाम,
हाल पूछेंगे तुम्हारा तुम बदल,
गए हो या तुम्हारे शहर में,
शाम नहीं होती !

उम्र तो है मुट्ठी में फिसलती रेत सी,
पकड़ा इसे किसने भला,
जियो जो हर पल इसे भरपूर,
तो फिर जिंदगी गुलजार है !

वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह,
उन्हें ढूंढने की जरूरत नही,
मेरी आँख में झाँक कर देख लो,
तुम्हें आइने की जरूरत नही !

इन उम्र से लम्बी सड़कों को,
मंजिल पे पहुँचते देखा नहीं,
बस दौड़ती फिरती रहती है,
हमने तो ठहरते देखा नहीं !

तुम शोर करते हो,
सुर्खियों में आने के लिए
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई हैं !

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते !

लिखा नहीं जो किस्मत में,
उसकी चाहत क्या करना,
ये तो एक दिन होना था,
हिज्र पे हैरत क्या करना !

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी !

तन्हाई अच्छी लगती है,
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए जिद्द नहीं करती !

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं !

कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !

फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना,
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं !

कोई आहट नही बदन की कहीं,
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं,
वक्त जाता सुनाई देता है,
तेरा साया दिखाई देता है !

जिंदगी ने सवाल बदल दिए
समय ने हालत बदल दिए
हम तो वही है यारों पर लोगो,
ने अपने ख्याल बदल दिए !

रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब,
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है !

gulzar shayari on life

मुझे मालूम है की ये ख्वाब झूठे हैं और ख्वाहिशे अधूरी है, मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफैमिया जरूरी होती है।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।

बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला ..जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं

वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर, आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं।

थोड़ा सा रफू करके देखिए ना.. फिर से नई सी लगेगी जिंदगी ही तो है..।

यू तो जिंदगी तुझसे शिकायते बहुत थी, मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारे बहुत थी। 

मैंने अपनी जिंदगी के सारे महंगे सबक सस्ते लोगों से ही सीखें हैं। 

पलट कर जवाब देना बेशक गलत है लेकिन सुनते रहो तो लोग बोलने की हदें भूल जाते हैं।

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, ​बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।

आदतें बदल जाया करती है अक्सर, ढूढो उसे जो लत बन सके तुम्हारी।

जिंदगी में एक बात तो तय है कि तय कुछ भी नही है।

होंठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था, सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था।

एक औरत के चेहरे पर सारे रंग एक मर्द की वजह से ही आते है, चाहे वह ख़ुशी के हो या गम के।

जमाना बदल गया साहब अब लोग मासूमो को बेवकूफ समझते है।

माना की जिंदगी में दिक्कतें कम नहीं.. पर कम से कम जीने को जिंदगी है, क्या यही काफी नही..। 

अकेले चलना सीख लो जरूरी नही है जो.. आज आपके साथ है, वह कल भी आपके साथ‍ रहेगा..।

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब, जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता है।

गलत जगह सम्मान दे दिया, व्यर्थ दे दिया प्यार, हीरे की कीमत क्या जाने कचरे के ठेकेदार।

मिजाज में थोड़ी सख्ती लाजमी है साहब, लोग पी जाते अगर समुन्दर खारा न होता। 

शाखे रही तो साहब फूल भी पत्ते भी आएंगे, ये दिन अगर बुरे है तो अच्छे भी आएंगे।

chand Gulzar Shayari

Gulzar’s Shayari, like the radiant moon (chand), illuminates the night sky of literature with its ethereal beauty. The celestial imagery woven into his verses adds a touch of enchantment to his poetic creations. Chand Gulzar Shayari captures the awe-inspiring allure of the moon and infuses it with the profound emotions that lie within the human heart. It is an ode to the moon’s mystique and a testament to Gulzar’s unparalleled poetic prowess.

खुद की तुलना दूसरों से करना छोड़ दो,
क्योकि सूरज दिन में चमकता है रात में नहीं,
और चाँद रात में चमकता है दिन में नहीं !

सारी रात गुजर दिया मैंने इस ख़यालात में,
की चाँद तो निकलेगा ही भले ही निकले आधी रात में !!!

सितारों के बीच नाम हो आपका,
धरती ही नहीं चाँद पर भी मुकाम हो आपका,
हम तो कुछ नहीं आपके सामने,
आप तरक्की इतनी करो की पूरी दुनिया में नाम हो आपका !!!

मेरी चाँद भी तुम हो,
मेरी रौशनी भी तुमसे है,
मेरा नाम भी तुमसे है,
मेरा पहचान भी तुमसे है !!!

तुझे एक बार जो देखा तो देखता ही रह गया,
चाँद भी मुझसे कहता रहगया खुबशुरत मैं हूँ या वो !!!

एक इच्छा है आपको अपने की और,
दूसरी इच्छा है आपके दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका है जैसे चाँद और हमारी इच्छा है चाँद को पाने की !!!

बहकी हुई आपकी बातें और महकी हुई आपकी साँसे,
चाँद का दीदार और आपकी प्यारी यादें !!!

चाँद और सूरज तो कुदरत का माया है,
न जाने तुमने अपनी खूबशूरती से कितनो को मेहकया है !!!

अगर तुम चाँद और मैं तुम्हारा सितारा होता,
दूर कही एक आशियाना हमारा भी होता,
लोग तुम्हे देखते सिर्फ दूर से,
और सामने से देखने का हक़ सिर्फ हमारा होता !!!

तुम सीसे में खुद को न देखा करो,
चमकता हिरा तुम्हे एक साया लगेगा,
सब कहते है तुम चाँद से बिछड़ी होगी,
मैं कहता हूँ चाँद तुम्हारा टुकड़ा होगा !!!

तस्वीर को तेरी मैंने चाँद से मिलाया,
तो चाँद फीका पड़ गया मगर,
तेरा चेहरा जायदा खुबशुरत नज़र आया !!!

जब भी रातों को नींद नहीं आती है तब,
खिड़की के चाँद को देख लिया करता हूँ !!!

चाँद को अपनी चांदनी और सूर्य को अपनी गर्मी,
का अहसास कभी नहीं होता !!!

खुद को चाँद बना लो ताकि,
दाग अपने पास और रौशनी पूरी दुनिया को दे सको !!!

प्यार करना है तो चाँद से करो चांदनी से नहीं,
साथ रहना है तो जीवन भर रहो पल भर नहीं !!!

प्यार में मेरा दिल खो गया,
और वो मेरा ईद का चाँद हो गया !!!

हमारी चाहत तो सुरुवात से आप थे,
और आज हमें वो चाँद भी मिल गया !!!

अगर चिराग से अँधेरा दूर होता तो चाँद किस काम आता,
अगर ज़िन्दगी अकेले ही गुजार पते तो क्यों तुम्हारे नाम आता !!!

प्यार में झुकना कोई गलत बात नहीं,
सूरज भी झुकता है चाँद को देखने के लिए !!!

चाँद की चांदनी पर एक पहरा दिख रहा है,
आज मुझे आसमान पर तुम्हारा चेहरा दिख रहा है !!!

sad Gulzar shayari

दर्द हल्का है साँस भारी है, जिए जाने की रस्म जारी है।

बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार, मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है।

हजारों ख्वाब टूटते है, तब कहीं एक सुबह होती है।

तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन, ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन।

एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया है मैने हर करवट सोने कि कोशिश की।

आंख तो भर आयी थी पानी से, तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।

सफल रिश्तों के बस यही उसूल है, बातें भूलिए जो फिजूल है।

महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए, यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना।

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।

आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हम ने ऐतबार किया।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन दिल के पास होता है।

कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है, क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।

हमने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर, अक्सर अपना ही इंतज़ार किया।

काई सी जम गई है आँखों पर सारा मंज़र हरा सा रहता है।

अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा।

सहर न आई कई बार नींद से जागे थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले।

शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है।

जिस की आंखों में कटी थीं सदियां उस ने सदियों की जुदाई दी है।

धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम,
और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है।

2 line gulzar shayari

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता.

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई.

 ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है.

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो.

 वक़्त भी हार जाते हैं कई बार ज़ज्बातों से,
कितना भी लिखो, कुछ न कुछ बाकि रह जाता है.

तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त दर्द, गम, डर जो भी हो बस तेरे अन्दर है
खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख, तू भी एक सिकंदर है.

 थोडा है थोड़े की ज़रूरत है,
ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है.

तकलीफ खुद ही कम हो गई,
जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई.

आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है
जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है.

कोई खामोश जख्म लगती है
ज़िन्दगी एक नज़्म लगती है ।

मैन चुप करता हूँ हर शब् उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है ।

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किसकी आहट सुनता हूँ विराने मे।

देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हमको पुकारता है कोइ ।

उसी का इमां बदल गया है
कभी जो मेरा खुदा रहा था ।

खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते है.

कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में पड़ गया है बल शायद.

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा.

Conclusion:

Gulzar’s Shayari is a testament to the power of words and their ability to touch the deepest recesses of our hearts and souls. Whether it’s his two-line compositions, heart-touching verses, Hindi Shayari, musings on life, enchanting chand Shayari, or poignant sad Shayari, Gulzar’s words continue to mesmerize and inspire. His ability to capture the essence of life in his poetry is unparalleled, making him a literary luminary whose work will continue to be cherished for generations to come.


** Share it With Your Friends **