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Best Barish Shayari Hindi

Barish Shayari in Hindi – दोस्तों यदि आप भी बारिश में चाय की चुस्कियों के साथ Barish ki Shayari का मजा लेना चाहते है तो आप सही जगह पर है । यहाँ आपको ढेर सारी अच्छी बारिश पर शायरी मिल जाएगी जिन्हें आप दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। दोस्तों बारिश का मौसम बहुत खुशनुमा और रोमांटिक होता है। बारिश आने के बाद मौसम एकदम बदल सा जाता है वातावरण साफ और क्लीन हो जाता है ऐसे में अगर दोस्तों के साथ बैठे हो और हाथ में चाय का प्याला हो और Barish ki Shayari हो जाये तो क्या ही कहना। तो चलिये जल्दी से इस बारिश के मौसम में दोस्तों के साथ बारिश शायरी का मजा लिया जाये।

Barish Shayari in Hindi
Barish shayari in hindi

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Barish shayari in hindi

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है !

बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं !

हो रही है बारिश,
पूरा शहर ये वीरान है,
एक हम ही तो उदास नहीं,
सारा शहर परेशान है !

Barish shayari in hindi
Barish shayari

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !
दूर आसमा से निकल कर,
जमी में मिल जाती हैं !

बारिश शायरी हिन्दी

बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए,
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है !

पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है !

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का

सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
बना के रखिए चाय और पकौड़े
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं !

हमारे शहर आ जाओ,
सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं,
कभी आँखे बरसती हैं !!

Barish Shayari

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,
बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।

कुछ नशा तेरी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।

कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में,
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।

दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।

ये मौसम भी क्या रंग लाया है,
साथ हवा और घटाएं लाया है,
मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,
दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है।

shayari on barish

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमग्न हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं।

ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,
बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।

कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में,
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।

दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।

ये मौसम भी क्या रंग लाया है,
साथ हवा और घटाएं लाया है,
मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,
दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है।

ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब,
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग,
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।

Gulzar Barish Shayari

One of the most well-known writers in India is Gulzar Sahab. अगर आप Gulzar barish shayari की तलाश में है तो आप सही जगह पर है साथ ही यदि गुलज़ार शायरी के शौक़ीन है तो आप हमारी Gulzar Shayari in Hindi का संग्रह भी देख सकते हैं।

Gulzar Barish Shayari
Gulzar Barish Shayari

“कोई तो *बारिश 🌨ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें 😭 हर रोज़ बरसाती है” !!

*बारिश और “मोहब्बत” दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत 💝में आँखे

खुद भी रोता है मुझे भी रुला😭देता है
ये *बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है!!

“ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप ☕चाय के साथ !

मासूम मोहब्बत😍का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !

“इस (बारिश) के मौसम में अजीब सी कशिश है
ना चाहते हुए भी कोई “शिदत” से याद आता है!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शेहेर में बारिश🌧हो रही

barish ki shayari

आज का मौसम प्यार
का मौसम होना चाहिए
बारिश तो आ जाएगी
बस बादल होना चाहिए.!!

जरा सी बारिश ने यूं ही भीगा दिया
तकिए तो गीले थे आंसुओं से
अधूरे ख्वाबों ने हमें जीना सिखा दिया.

अनसुनी फरियाद में
समेटे हुआ आसमान
तेरा कभी बरसे मेरे शहर
में तो दुआ कबूल तेरा.

बारिश की बूंदे आज
मेरे चेहरे को छू गई
लगता है शायद आसमा
को जमी मिल गई..!

इश्क की बारिश में
ताउम्र हम खुद भीगते
रहे तेरी याद में कभी रोते
रहे तो कभी हंसते रहे..!

गुजारिश करता हूं कि
उससे अकेले में मुलाकात
हो ख्वाहिश ए दिल है
जब भी हो बरसात हो..!

barish par shayari | बारिश पर शायरी

जरा सी बारिश ने यूं ही भीगा दिया
तकिए तो गीले थे आंसुओं से
अधूरे ख्वाबों ने हमें जीना सिखा दिया.!!

सुहाना है बारिश का
मौसम दीवाना हूं तेरा
यार पागल है तेरे प्यार में
करता है बस तेरा इंतजार.

जुल्फें जो उनकी खुल गई
लगता है सावन आ गया
अब कौन रोकेगा घटाओ
को घूमने से लगता है
बारिश का मौसम आ गया.

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का
हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और
संग तुम चाहिए !!

पहले बारिश होती थी
तो याद आते थे
अब जब याद आते हो
तो बारिश होती है !!

तुम्हारे चेहरे का मौसम
बड़ा सुहाना लगे
मैं थोडा लुफ्त उठा लू
अगर बुरा न लगे !!

barish love shayari

बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी,
सोंदी से महक माटी की जगाने लगी,
हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी
वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी

बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे.

आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना हैं,
सपना ये मेरा कितना सुहाना हैं,
बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,
उन कतरों को अपने होंटों से उठाना हैं

उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है,
जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये.

आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,
दिल खुश करने वाली हुई बारिश।

जब-जब बादल बरसता है,
सनम से मिलने को दिल तरसता हैं.

कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते..
रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं.

barish sad shayari

खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है

बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैं
फिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे

मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं

मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं
हम जागते रहे दुनियां सोती रही
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे
अब जब याद आते हो तो बारिश होती है

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