Best Sharabi Shayari in Hindi
In this article, you will get Sharabi Shayari in Hindi. दोस्तों शराब पीना हानिकारक है, इसलिए हमें अपने दुखो को भुला कर अपने वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए।
Sharabi Shayari in Hindi: जैसा कि आप सभी जानते हैं कि शराब पीना हमारे शरीर के लिए हानिकारक है, लेकिन कुछ लोग यह जानने के बाद भी ऐसा करना जारी रखते हैं। कुछ लोग दिल टूटने के बाद, कुछ व्यापार में नुकसान के बाद शराब पीना शुरू कर देते हैं जोकि अच्छा विचार नहीं है। आप अतीत को पीछे छोड़ें और अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें। इसलिए हम आपके लिए Sharabi Shayari in Hindi लेकर आये हैं, जो आपको पसंद आएगी । Also, get Love Shayari, Sad Shayari, Attitude Shayari, and more.
Sharabi Shayari in Hindi
निकलूं अगर मयखाने से तो,
शराबी ना समझना मेरे दोस्त,
मंदिर से निकलता,
हर शख्स भी तो भक्त नहीं होता !
मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती!
मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती!
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता,
फिर भी पी लेता अगर वो शराब होती!
ना कभी पीते थे ना कभी पिलाते थे,
हम तो बस उनकी नज़रों से नज़र मिलाते थे,
ना जाने कैसे हम उनसे आँखें मिला बैठे,
जो सिर्फ अपनी निगाहों से पिलाते थे
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है
कोई पूछे तो कह देता हूँ, पी रखी है
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में गम को मिलाने लगे,
दारू भी बेवफा निकली यारों,
नशे में तो वो और भी याद आने लगे…
उसने हाथो से छू कर दरिया के पानी को
गुलाबी कर दिया, हमारी बात तो और थी
उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया
आती हैं जब भी हिचकियाँ अब,
शराब मैं पी लेता हूँ….
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है…..
है ये शराब दर्द की दवा मेरे,
इसे पीने में कोई खराबी नहीं,
होता है जब दिल में दर्द तो पी लेता हूँ,
वैसे हूँ मैं शराबी नहीं |
बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा
जाम में क्या गिरा
बदनाम हो गया
देता जब तक अपनी गवाही
वो खुद शराब हो गया
जाम पे जाम पिने से क्या फायदा,
शाम को पी सुबह उतर जाएगी,
अरे दो बूँद मेरे प्यार की पी ले,
ज़िन्दगी सारी नशे में ही गुजर जाएगी…
दुःख इस तरह मिला कि घबराकर पी गए हम,
ख़ुशी अगर थोड़ी मिली तो उसे भी मिलाकर पी गए हम,
यूं तो ना थी जनम से पीने की आदत हमें,
देखा जब शराब तो अकेला तो तरस खाकर पी गए हम …!!!
मयखाने से बढ़कर कोई जमीन नहीं
जहां सिर्फ कदम लड़खड़ाते है जमीर नहीं
दूसरों के लिए ख़राब ही सही,
हमारे लिए तो ज़िन्दगी बन जाती है,
सौ ग़मों को निचोड़ने के बाद ही,
एक कतरा शराब बन जाती है…
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू,
सब कुछ समझता हू, पर खामोश रहता हू,
जो लोग करते है मुझे गिराने की कोशिश,
मै अक्सर उन्ही के साथ रहता हू
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ…
तुम्हारे नैनो के ये जो प्याले हैं,
मेरे लिए अँधेरी रातों में उजाले हैं,
पीता हूँ शराब के जाम तुम्हारे नाम के,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं !!
कुछ नशा आपकी बात का है
कुछ नशा धीमी बरसात का है
हमें आप युही शराबी मत कहिये ये
दिल पर असर आपसे पहली मुलाकात का है
पीता था शराब मैं,
उसने दी छुड़ा अपनी कसम देकर,
जब गया महफ़िल में मैं,
तो दोस्तों ने पीला दी उसी की कसम देकर !!!
हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है
तो उसने अपने होठों से सारे वहम तोड़ दिए
एक बार टूट जाए दिल तो,
फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,
जब आए उस बेवफा की याद तो,
फिर जीने का शराब ही सहारा होती है !
नशा हम किया करते हैं,
इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है,
जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !
यादों से सलाम लेता हूँ,
वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,
ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,
जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ !
फिर ना पीने की कसम खा लूँगा,
साथ जीने की कसम खा लूँगा,
एक बार अपनी आँखों से पिला दे साकी,
शराफत से जीने की कसम खा लूँगा !
शराबी इलजाम शराब को देता है,
आशिक इलजाम शबाब को देता है,
कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल,
कांटा भी इलजाम गुलाब को देता है !!
यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !
गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !
मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !
शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!
Sharabi Shayari 2 line
मिलावट है तेरे इश्क़ में इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते है कभी बहक जाते है।
तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक वो न निकले मेरे ख्यालों से !
कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !
मयखाने बंद कर दे चाहे लाख दुनिया वाले,
लेकिन….शहर में कम नही है, निगाहों से पिलाने वाले……!!!
थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !
ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ बस यूँ समझ ले,
गमों के बोझ से नशे की बोतल सस्ती लगी !
परदा तो होश वालों से किया जाता है हुजूर
तुम बेनकाब चले आओ हम तो नशे में हैं !
फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,
मयख़ाने से कह दो दरवाजा खुला रखे !
सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी !!
अब किधर मिलोगे पागलखाने या मैखान !!
रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,
कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं !
कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ ।
एक वक्त था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे ।
मत कर हंगामा पीकर हमारी गली में,
हम तो खुद बदनाम है तेरी मोहब्बत के नशे में!
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’
बादल का रंग देख के नीयत बदल गई,.,!!!
अगर गम मोहब्बत पर हावी नहीं होता,
खुदा की कसम मैं शराबी न होता।।
नशा तब दोगुना होता है जनाब,
जब जाम भी छलके और आँख भी छलके
ना कर इतना गुरुर अपने नशे पर शराब,
तुझसे ज्यादा नशा रखती है आँखे किसी की……
बहुत अमीर होती है ये शराब की बोतल,
पैसा चाहे जो भी लग जाये, सारे गम खरीद लेती है।
के आज तो शराब ने भी अपना रंग दिखा दिया,
दो दुश्मनो को गले से लगवा, दोस्त बनवा दिया
ज़िन्दगी है चार दिन की, कुछ भी न गिला कीजिये,
दवा, दारु , इश्क़ जो मिले मजा लीजिये।
बहुत मुश्किल से दवा हाथ लगी है,
दारु कहकर बदनाम न करो।।
ना जख़्म भरे ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई ….
रब ने बनाई इस दुनिया में दो ही चीज़े ख़राब है,
एक मोहब्बत और दूसरी शराब है।
कमी न हो जरा भी, शराब के प्याले में बस
डूबता ही जाता हूँ अब उसकी नशीली आँखों में।
शराबी शायरी
के आज तो शराब ने भी अपना रंग दिखा दिया,
दो दुश्मनो को गले से लगवा, दोस्त बनवा दिया
कर दो तब्दील अदालतों को
मयखाने में साहब,
सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता।
बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे
शमशान में पिया करूँगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब
तो पैग बना के दिया करूँगा।।
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता,
आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता,
जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं,
जो कहते हैं कि “मर्द को दर्द नहीं होता..”
पी चुके हैं शराब हम हर गली हर दूकान से,
एक रिश्ता सा बन गया है शराब के ज़ाम से,
पाये हैं ज़ख्म हमने इश्क़ में ऐसे,
कि नफ़रत सी हो गयी है हमें इश्क़ के नाम से !!
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
तुम्हारे आँखों की तौहीन है
ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला
शराब पीता है
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं;
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं;
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर;
कि पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं;
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं;
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर;
कि पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं।
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है
आ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
मदहोश कर देता है तेरे ये देखने का अंदाज़
और लोग सोचते हैं कि हम पीते बहुत है
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम मगर पीते पीते
शाम से सवेयर हो गयी बहके बहके
कदम धीरे धीरे चले इसलिए
आने में ज़ारा सी देर हो गयी
छीन कर हाथों से जाम वो
इस अंदाज़ से बोली
कमी क्या है इन होठों में जो
तुम शराब पीते हो
ख़ुद अपनी मस्ती है
जिस ने मचाई है हलचल
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल
हम तो जी रहे थे उनका नाम लेकर,
वो गुज़रते थे हमारा सलाम लेकर,
कल वो कह गये भुला दो हमको,
हमने पुछा कैसे.. वो चले गये हाथो मे जाम देकर!
पीते थे शराब हम;
उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर;
महफ़िल में गए थे हम;
यारों ने पिलाई उसकी कसम देकर।
यह शायरी लिखना उनका काम नहीं;
जिनके दिल आँखों में बसा करते हैं;
शायरी तो वो शख्श लिखता है;
जो शराब से नहीं कलम से नशा करता है।
रात गुम सी है मगर चैन खामोश नही,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही,
ऐसा डूबा तेरी आँखों की गहराई में ,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही
लबो पे आज उनका नाम आ गया,
प्यासे के हाथ में जैसे जाम आ गया,
डोले कदम तो गिरा उनकी बाहों में जाकर,
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया
चारों तरफ तन्हाई का साया है,
ज़िन्दगी में प्यार किसने पाया है,
हम यादों में झूमते हैं उनकी,
और ज़माना कहता है
आज फिर पीकर आया है…
हर किसी बात का जवाब नहीं होता
हर जाम इश्क में ख़राब नहीं होता यूँ
तो झूम लेते है नशे में रहने वाले
मगर हर नशे का नाम शराब नहीं होता
ये तो देखा कि मिरे हाथ में पैमाना है
ये न देखा कि ग़म-ए-इश्क़ को समझाना है
हो चुकी मुलाकात अभी सलाम बाकी है
तुम्हारे नाम की दो घूँट शराब बाकी है
तुमको मुबारक हो खुशियूं का
शामियाना मेरे नसीब मे अभी दो गज़ ज़मीन बाकी है
कुछ नशा तो आपकी बात का है;
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है;
हमें आप यूँ ही शराबी ना कहिये;
इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है।
Conclusion:
दोस्तो हमारी पोस्ट Sharabi Shayari को पढ़ने के लिये आपका शुक्रिया। दोस्तों शराब पीना हमारे शरीर के लिए हानिकारक है, इसलिए हमे इससे दूर रहना चाहिए. अगर आपको हमारी Sharabi Shayari पसंद आई है तो हमे कमेंट करके ज़रूर बताये, और इससे सम्बन्धित कुछ भी सुझाव अगर आप हमे देना चाहते हो तो हमें कमेंट बॉक्स मे कमेंट करके दे सकते है। और आप हमे Instagaram और Pinterest पर भी फॉलो कर सकते है।