हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।।
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वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल नहीं, दिल का दौरा क्या पड़ा ये दाग भी धुल गया !
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Mirza Ghalib Shayari
वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी, उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया !
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Mirza Ghalib Shayari
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में, और हम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते !
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Mirza Ghalib Shayari in Hindi
कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता, तुम ना होते ना सही ज़िक्र तुम्हारा होता !
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Mirza Ghalib Shayari in Hindi
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब, नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते !
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Ghalib Shayari in Hindi
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है। आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।।
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ग़ालिब फेमस शायरी
मौत पे भी मुझे यकीन है, तुम पर भी ऐतबार है, देखना है पहले कौन आता है, हमें दोनों का इंतजार है !
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Ghalib Famous Shayari
कितना ख़ौफ होता है शाम के अंधेरों में। पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।।
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Mirza Ghalib Shayari
वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं। कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं।।
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Mirza Ghalib Shayari